मंगलवार, 9 दिसंबर 2025

जब भारतीयों को मिला सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Gen-Z विद्यार्थी द्वारा बनाई वीडियो)

 


1951–52 में भारत ने वह कदम उठाया, जिसे कोई भी नवस्वतंत्र देश उठाने की हिम्मत नहीं कर सका- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, बिना जाति, लिंग, शिक्षा या संपत्ति की किसी भी शर्त के। दुनिया के अनेक पत्रकार, राजनेता और विशेषज्ञ इसे “खतरनाक प्रयोग” कह रहे थे। पर जवाहरलाल नेहरू, डॉ. भीमराव अंबेडकर, और प्रथम मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुकुमार सेन सामान्य भारतीय की बुद्धिमत्ता और विवेक पर अटूट विश्वास रखते थे। यह वीडियो बताता है कि कैसे दुनिया ने भारत के पहले चुनावों को “निरर्थक नौटंकी” कहा, और कैसे भारत ने उन सभी आलोचनाओं को पीछे छोड़कर इतिहास का सबसे सफल लोकतांत्रिक अध्याय लिखा। गरीबी और निरक्षरता के बीच भी लोकतंत्र पर अटूट विश्वास की यह कहानी आज भी प्रेरणा देती है। यही विश्वास दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की नींव बना।

गुरुवार, 4 दिसंबर 2025

नेहरू के कपड़े पेरिस धुलने जाते थे? #nehru #facts #history #autobiography

 नेहरू जी को लेकर एक अजीब-सी अफ़वाह आज तक चलती आ रही है, कि वे अपने कपड़े धोने के लिए हर हफ्ते पेरिस भेजते थे! 

इस मज़ेदार वीडियो में हम इसी “पेरिस लॉन्ड्री” वाली दंतकथा का सच सामने लाते हैं, और नेहरू की अपनी आत्मकथा से बताते हैं कि यह मिथक कितना हास्यास्पद और झूठा था।



मैराथन से एथेंस तक: ग्रीस की शान | विश्व इतिहास की झलक | अध्याय 15 & 16 (अंग्रेजी में)

 


रविवार, 23 नवंबर 2025

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